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सिटी काली मंदिर पूर्णिया – एक परिचय

पूर्णिया सिटी के सौरा नदी तट पर स्थित काली मंदिर 200 से ज्यादा वर्ष पुराणी है | यह पूर्णिया में लोक आस्था का प्रतीक बना हुआ है। पूर्णिया में लोग कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले यहां पूजा करने आते हैं। ऐसी अवधारणा है कि अमावश्या तिथि को आयोजित विशेष पूजा अनुष्ठान से मन्नत मांगने वालों का मन्नते पूरी होती है। 

सिटी काली मंदिर के परिसर में मां काली का मंदिर होने के साथ साथ भगवन भोलेनाथ का भी मंदिर है, गौरवशाली मंदिर की ख्याति बिहार, बंगाल, उड़ीसा एवं नेपाल तक है| सौरा तट पर स्थित इस मंदिर अपनी प्राकृतिक छटा के लिए भी विख्यात है। पूर्णिया का यह मंदिर एक दर्शनीय स्थल है।

यहां सौरा नदी के किनारे भव्य छठ पूजा का भी आयोजन किया जाता हैं।  पिछले कुछ वर्षों से सिटी काली मंदिर में देव दीपावली का भव्य आयोजन श्री राम सेवा संघ के द्वारा मनाया जा रहा हैं जिसमें गत वर्ष 21000 हजार दीप प्रज्वलित किया गया।

यहां सौरा के घाट पर काशी के विख्यात पंडितों द्वारा अखंड महाआरती का आयोजन भी किया जाता है, इसके अलावा भजन -कीर्तन कोलकाता के कलाकारों के द्वारा किया जाता है।

सिटी काली मंदिर कैसे पहुंचे –

सिटी काली मंदिर पूर्णिया के चांदनी चौक पर स्थित है जिसके लिए प्रमुख दो रस्ते है यदि आप खुश्कीबाग के ओर से आ रहे है तो आपको पूर्णिया जंक्शन के रास्ते मंदिर परिसर तक पहुंच सकते है और यदि पूर्णिया टाउन होकर आना चाहते है तो आपको रामबाग-कसबा वाली रास्ते के बिच सौरा नदी के पुल के निकट मंदिर स्थित मिलेगी |

तुषार रंजन पूर्णिया और आसपास के जिलों की स्थानीय खबरों को कवर करते हैं। उनका उद्देश्य है कि ज़मीनी स्तर की सच्ची और ताज़ा जानकारी पाठकों तक सरल हिंदी में पहुँचे।

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